New Best 60+ Desh Bhakti Shayari in Hindi 2024
Desh Bhakti Shayari: हमारे देश की आज़ादी के जश्न के इस दिन, देशभक्ति पर चर्चा करना और भारत की आज़ादी के लिए वीर शहीदों द्वारा किए गए बलिदानों पर विचार करना ज़रूरी है। आइए हम सब मिलकर उनकी यादों को संजोएं और उनके निस्वार्थ कार्यों से प्रेरणा लें। देशभक्ति से भरी हिंदी कविताओं का आनंद लेकर और हमारी आज़ादी के लिए लड़ने वालों को श्रद्धांजलि देकर इस अवसर को मनाने में हमारे साथ शामिल हों।
Desh Bhakti Shayari
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है !!
जब आँख खुले तो धरती हिंदुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो धरती हिंदुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो !!
हर वक़्त मेरी आँखो मे मातृभूमि का सपना हो
जब कभी मरू तो तिरंगा मेरा कफ़न हो
और कोई तमन्ना नही है जीवन मे
जब कभी भी जन्म लू तो भारत मेरा वतन हो !!
चाहे जान की बाजी लगा देंगे हम
दुश्मनों को वतन से मिटा देंगे हम
है कसम इस तिरंगे की वतन के लिए
ये तिरंगा उनके सीने पर लहरा देंगे हम !!
दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ
शान्ति उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ
जान जाए इसके खातिर कोई गम नहीं
बाद मरने के बस तिरंगा कफ़न चाहता हूँ !!
तिरंगा है आन मेरी, तिरंगा ही है शान मेरी
तिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारा
तिरंगे से है धरती महान मेरी !!
15 August Desh Bhakti Shayari
गूँज रहा है दुनिया में भारत का नगारा
चमक रहा आसमान में देश का सितारा
आज़ादी के दिन आओ मिलके करें
दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा !!
न झुकने देना कभी इसके मान को
न मिटने देना कभी इसकी शान को
चाहे कुर्बान करनी पड़े जान को
अपने सीने से इसको लगाए रखना
ये तिरंगा यूं ही उठाये रखना !!
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे !!
हमे नशा तिरंगें कीं आंन का हे
कुछ नशाँ मातृभूमि कीं शांन का हे
लहरायेगें यें तिरंगां
नशा ये भारत माँ के शांन का हे !!
काश मरने के बाद भी वतन के काम आता
शहीदों के दुनिया में अपना भी नाम आता
हंस के लुटा देते जान इस वतन के लिए
कोई फिक्र नहीं होती गर ऐसा मुकाम आता !!
दिल हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान
हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी शान
जान लुटा देंगे वतन पे हो जायेंगे कुर्बान
इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान !!
Read Also: Attitude Shayari in Hindi
Army Desh Bhakti Shayari
सरहद तुम्हें पुकारे तुम्हें आना ही होगा
कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा
दे करके कुर्बानी अपने जिस्मो-जां की
तुम्हे मिटना भी होगा मिटाना भी होगा !!
मुझे न तन चाहिए न मन चाहिए
अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहू इस मातृभूमि के लिए
और मरु तो तिरंगा कफन चाहियें !!
वतन की मोहब्बत में, खुद को तपाये बैठे हैं
मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाये बैठे हैं !!
बस ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !!
मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं
है आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं
उन सिपाहियों को रात-दिन नमन करो
मौत के साए में जो जिए जाते हैं !!
हर वक़्त मेरी आँखों में देशप्रेम का स्वप्न हो
जब कभी भी मृत्यु आये तो तिरंगा मेरा कफन हो
और कोई ख़्वाहिश नही ज़िन्दगी में
जब कभी जन्म लू तो भारत मेरा वतन हो !!
Read Also: Dosti Shayari in Hindi
Desh Bhakti Shayari in Hindi
हिमालय से उंचा रहे सर इसका हमने दिल में ठाना है
रंग दो बसंती चोला मेरा हमको सरहद पर जाना है
कोई नजर न इसकी और उठे ऐसे पहरेदारी हो
दुश्मन की छाती पर तिरंगा फिर से लहराना है !!
मेरे रगो का लहू जो तेरे काम आये
काश ऐसा मै कोई काम कर जाता
तेरे शान को यूं ही बनाये रखने के लिए
जंग-ए-मैदान में फिर से उतर जाता !!
सुना है कुछ नक्कार
हमारी वीरता का सबूत मांगते है
ज़रा भेजो तो उन्हें सरहद पर
सिरफिरे खुद के लिए ताबूत माँगते है !!
हम पहरेदार है इसके हम इसके रखवाले है
प्यारे वतन के खातिर हम जाँ भी लुटाने वाले हैं
इसकी हमको हर एक बात निराली लगती है
सौ जीवन कुर्बान हैं इसपर हम ऐसे मतवाले हैं !!
जाँ से प्यारा वतन है हमारा
हम तो इसके पहरेदार रहेंगे
सौ जनम भी लुटा दें इसके लिए
तब भी हम इसके कर्जदार रहेंगे !!
भारत माता की जय हम सब कहते हैं
देश के वीर जवानों को नमन करते हैं
उन शहीदों की कुर्बानियों को सलाम करते हैं
जो हमें अमन और चैन का जीवन देते हैं !!
Read Also: Waqt Shayari in Hindi
Desh Bhakti Shayari 2 Line
मैं इसका हनुमान हूँ ये देश मेरा राम है
चीर के देख लो सीना मेरा इसमें हिंदुस्तान है !!
वो ज़िन्दगी ए के जिसमे देश भक्ति ना हो
अर वा मौत ए के जो तिरंगे म ना लिपटी हो !!
जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं !!
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान है
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान है !!
कतरा-कतरा मेरे लहू का इस वतन के काम आएगा
मेरे जाने के बाद भी तिरंगा हिमालय पर ऐसे मुस्कराएगा !!
इस वतन के रखवाले हैं हम शेर ए जिगर वाले है हम
मौत से हम नही डरते मौत को बाँहों में पाले है हम !!
Read Also: Badmashi Shayari in Hindi
Desh Bhakti Par Shayari
सींच दू खून से अगर इस चमन के काम आए
काश मेरा लहू भी मेरे वतन के काम आए
न जाने कौनसी घडी आख़री हो हमारी
ये तन मन धन फिर वतन के कामा आए !!
इश्क तो करता है हर कोई
महबूब पर मरता है हर कोई
कभी वतन को महबूब बना कर देखो
तुझ पर मरेगा हर कोई !!
हम फौलादी जिगर वाले हैं वतन पर खुद को लुटा देंगे
हमसे यूं न टकराना कभी हस्ती तुम्हारी सब मिटा देंगे !
ना सरकार मेरी है न रौब मेरा है
ना बड़ा सा नाम मेरा है
मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है
में हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है !!
Shayari Desh Bhakti
वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे
क्योंकि भारत हमारा देश है प्यारा
इसे हम नहीं मिटने देंगे, दुश्मनों से बचायेंगे !!
जो सीने में जली है बुझने वाली नहीं है
आग दुश्मनों के लिए है रुकने वाली नहीं है
जान भी कुर्बान कर देंगे इस वतन के लिए
शान वतन की अब झुकने वाली नहीं है !!
वीरों के बलिदान को याद रखें
उनके नक्शेकदम पर हम भी चले
भारत माँ की सेवा में सदा रहें
यही संदेश हम हर दिल में भरें !!
आजादी की कभी शाम ना होंगे देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे
बची है लहू की एक बूँद भी रगों में
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम ना होने !!
Dard Desh Bhakti Shayari
सौ जन्मो तक उनके अहसानों को भुला नहीं सकते
हम सर कटा सकते हैं लेकिन झुका नहीं सकते
खींच दी हैं लकीरें जो अपने जिगर के लहू से
तुम लाख कोशिस करलो इसे मिटा नहीं सकते !!
मिट्टी की सौंधी खुशबू में वतन की यादें बसती हैं
दिल में देशभक्ति की आग सदा ही जलती है !!
भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू ना मुसलमान हूँ मैं
जख्मो से भरा सीना हैं मगर
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं
भारत का वीर जवान हूँ मैं !!
है जान जब तक मेरे सीने में हमारी
वतन की शान को न मिटने देंगे
हम वीर सपूत हैं हम बलिदानी हैं
अपने इस चमन को लहू से सीच देंगे !!
Desh Bhakti Shayari 15 August
आज सलाम है उन वीरों को
जिनके कारण ये दिन आता है
वो माँ भी खुशनसीब होती है
बलिदान जिसके बच्चों का
देश के काम आता है !!
जलते भी गए कहते भी गए आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है, जो वतन पे मारना जाने !!
आज के दिन उस मंज़र को याद करे
शहीदो की देश भक्ति को याद करे
जब मिली थी आजादी हमको खून के बदले
आओ उन देश प्रेमियो को याद करे !!
सदा ही लहराता रहे ये तिरंगा हमारा
सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा !!
Shayari on Desh Bhakti
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ
मेरे हिस्से की धरती को मैं तन्हा छोड़ आया हूँ
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ !!
वतन है मेरा सबसे महान
प्रेम सौहार्द का दूजा नाम
तन-ए-बस पर है सब कुर्बान
शांति का दूत है मेरा हिन्दुस्तान !!
दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत
हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है
दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत !!
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नयी कहानी
हम हिंदुस्तानी !!
Emotional Attitude Desh Bhakti Shayari in Hindi
आन देश की ,शान देश की ,देश की हम संतान हैं
तीन रंगों से रंगा तीरंगा ,अपनी यही पहचान है !!
ना दौलत ना दे शोहरत कोई सिकवा नहीं
बस भारत माँ की संतान बना देना
हो जाऊ सहीद तो बस तिरंगे में लिपटा देना !!
देशभक्तों से ही देश की शान है
देशभक्तों से ही देश का मान है
हम उस देश के फूल हैं यारों
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है !!
झुकने न देंगे तेरे स्वाभिमान को
चाहे दावं पर लगानी पड़े जान को
हम मिट गए तो कुछ गम नहीं
मिटने न देंगे तेरी पहचान को !!
Desh Bhakti Shayari Attitude
मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए
जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए
हमसे हमारी अब हसरत न पूछो
बाँध रखा सर पे तिरंगा कफ़न के लिए !!
मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है
देश की रक्षा का संकल्प जो सच्चे दिल से लिया है !!
ये जोश कभी कम नहीं होगा वीरों के बलिदानों से आया है
कितनो ने लहू बहाया है तब जा के तिरंगा पाया है !!
जो फूल था कभी अब अंगारा हो गया
ये दुश्मन तेरे खातिर गर्म लहू हमारा हो गया है !!
Desh Bhakti Shayari 26 January
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का, मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना !!
कोई और आरज़ू नहीं, है आरज़ू तो ये है
रख दे कोई जरा सी खाक-ए-वतन कफन में !!
बड़े शौक से सुन रहा था जमाना
हम ही सो गए दास्तां कहते-कहते
वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे !!
चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए
मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए !!