Best 60+ New Barish Shayari in Hindi 2024
Barish Shayari in Hindi: मई और जून के गर्म दिनों के बाद, जब जुलाई में बारिश का मौसम शुरू होता है, तो आप चारों ओर प्यार और खुशी देख सकते हैं। जब दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे शहरों में बहुत बारिश होती है, तो कई लोग बाहर जाकर बारिश में मौज-मस्ती करना पसंद करते हैं। बारिश का मौसम कुछ लोगों को ज़्यादा प्यार और खुशी का एहसास कराता है!
बारिश का मौसम एक ऐसा समय होता है जब लोग ज़्यादा प्यार महसूस करते हैं! जब बारिश होती है, तो कई जोड़े एक-दूसरे के साथ मीठे संदेश साझा करना पसंद करते हैं। तो, हमारे पास कुछ प्यारी बारिश शायरी है जिन्हें आप अपने जीवन में किसी ख़ास व्यक्ति को भेज सकते हैं!
Barish Shayari
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था !!
बारिश का मौसम मुझे इसीलिए भाता है
अंदर और बाहर का मौसम एक सा हो जाता है !!
किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !!
कभी भीगते थे संग तेरे हम सावन की रिमझिम बारिश में
आज अकेला ही भीगता हूँ मैं अपने आंसुओं की बारिश में !!
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं !!
Gulzar Barish Shayari
कोई तो बारिश ऐसी हो जो तेरे साथ बरसे
तन्हा तो मेरी ऑंखें हर रोज़ बरसाती है !!
खुद भी रोता है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का मौसम उसकी याद दिला देता है !!
ये बारिश का मौसम और तुम्हारी याद
चलो फिर मिलते हैं एक कप चाय के साथ !!
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन बना देता है !!
मासूम मोहब्बत का बस इतना फसाना है
कागज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है !!
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Barish Shayari in Hindi
ज़रा ठहरो, बारिश थम जाए तो फिर चले जाना
किसी का तुझको छू लेना मुझे अच्छा नहीं लगता !!
भीगा रही है बारिशें इश्क़ में मुझे
ये मौसम दुआओं सा कहीं बदल न जाए !!
कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से
की मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसूं पढ़ ले !!
हवा भी रूक जाती है कहने को कुछ तराने
बारिश की बूंदे भी उसे छूने को करती है बहाने !!
सारे इत्रों की खुशबू आज मन्द पड़ गयी
मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गयी !!
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Barish Romantic Shayari
जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएंगे
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पाएंगे !!
सांस बन कर तुम मेरे दिल में समा जाते हो
जब भी तुम्हे याद करता हूं बरसात बन के आ जाते हो !!
मुझे ऐसा ही ज़िन्दगी का एक पल चाहिए
प्यार से भरी बारिश और संग तू चाहिए !!
गुजारिश करता हूं कि उससे अकेले में मुलाकात हो
ख्वाहिश ए दिल है जब भी हो बरसात हो !!
अब बारिश में तेरे संग नहाना है
सपना ये मेरा कितना सुहाना है
बारिश की बूंदे जो गिरे तेरे होठो पे
उन्हें अपने होठो से उठाना है !!
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Barish Shayari Love
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है !!
तेरे इश्क़ की बारिश मे कुछ इस कदर भींग जाऊँ
हो के मस्त मौला मै इस दुनिया को भूल जाऊँ !!
सुनी निगाहों में जब तुम समाए हो तो
मौसम का हसीन होना लाज़मी है !!
बारिश की बूंदों में झलकती है तस्वीर उनकी और
हम उनसे मिलने की चाहत में भीग जाते हैं !!
तेरे प्रेम की बारिश हो मैं जलमग्न हो जाऊं
तुम घटा बन के चली आओ मैं बादल बन जाऊं !!
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Shayari for Barish
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई !!
तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे !!
बाहर आकर देखिए बारिश का नजारा
हवा है ठंडी और मौसम भी है प्यारा !!
कभी बेपनाह बरस पडी कभी गुम सी है
यह बारिश भी कुछ कुछ तुम सी है !!
सुनो ये बादल जब भी बरसता है
मन तुझसे ही मिलने को तरसता है !!
Shayari on Barish
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आई
कुछ अपना ज़माना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आई !!
मौसम-ए-इश्क़ है तू एक कहानी बन के आ
मेरे रू को भिगो दें जो तू वो पानी बन के आ !!
बारिश और मोहब्बत दोनों ही यादगार होते हे
बारिश में जिस्म भीगता हे और मोहब्बत में आँखे !!
सुहाने मौसम में दिल कहीं भटक जाता है
उस गली में ही फिर से दिल अटक जाता है !!
सहमी हुई है झोपड़ी बारिश की ख़ौफ़ से
महलों की आरज़ू है की बरसात तेज़ हो !!
Barish Shayari 2 Line
ख्वाहिशें तो थी तेरे संग बारिश में भीगने की
पर ग़मों के बादल कभी छाते ही नहीं !!
एक हम हैं जो इश्क़ कि बारिश करते है
एक वह हैं जो भीगने को तैयार ही नहीं !!
आंखों की नमी थी या बारिश की बूंदे
बरसात में सब एक जैसी हो गयी !!
अजब लुत्फ़ का मंज़र देखता रहता हूँ बारिश में
बदन जलता है और मैं भीगता रहता हूँ बारिश में !!
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी !!
Barish Ki Shayari
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हम से
लो अब गिन लो बारिश की ये बूँदें !!
हमें मालूम है तुमने देखी हैं बारिश की बूँदें
मगर मेरी आँखों से ये सावन आज भी हार जाता है !!
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का !!
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है !!
बड़ा सुहावन होता है मौसम बारिश का
दो दिलो को मिला देता है मौसम बारिश का !!
Barish Sad Shayari
किया न करो मुझसे इश्क़ की बातें
बिन बारिश के ही भीग जाती हैं रातें !!
सावन के महीने में भीगे थे हम साथ में
अब बिन मौसम भीग रहे है तेरी याद में !!
बारिश आए ना आए भीगते ही रहते है हम
जब जमकर बरसती है तेरी यादें !!
हो रही है बारिश पूरा शहर ये वीरान है
एक हम ही तो उदास नहीं सारा शहर परेशान है !!
जिसके आने से मेरे ज़ख्म भरा करते थे
अब वो मौसम मेरे ज़ख्मो को हरा करते हैं !!
Barish Par Shayari
मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है
बारिश के हर कतरे से आवाज तुम्हारी आती है !!
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है
ना चाहते हुए भी कोई शिदत से याद आता है !!
साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को अंजुम
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई !!
आज आई बारिश तो याद आया वो जमाना
वो तेरा छत पे रहना और मेरा सडको पे नहाना !!
मैं तेरे हिज्र की बरसात में कब तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो दीवारे भी गिर जाती हैं !!
Dosti Barish Shayari
साथ तुम होते अगर तो बारिशों में भीगते यानी
हम तुम मौसमों की साजिशों में भीगते !!
ये बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फ़राज़
कच्चा तेरा मकान है कुछ तो ख्याल करो !!
ए बादल इतना बरस की नफ़रतें धुल जायें
इंसानियत तरस गयी है प्यार पाने के लिये !!
ये बारिश का मौसम भी फीका सा लगता है
तुम बिन ये सावन भी अधूरा सा लगता है !!
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे
अब जब याद आते हो बारिश होती है !!
Pehli Barish Shayari
पहली बारिश का नशा ही,कुछ अलग होता है
पलको को छूते ही, सीधा दिल पे असर होता है !!
हम जागते रहे दुनिया सोती रही
इक बारिश ही थी, जो मेरे साथ रोती रही !!
मुझे मार ही ना डाले इन बादलों की साज़िश
ये जब से बरस रहे हैं तुम याद आ रहे हो !!
तन्हा हैं सफ़र में हम खोने से नहीं डरते
जो भीगे हुए हैं वो बारिश से नहीं डरते !!
हर दफ़ा बारिश उसका पैग़ाम लेकर आती है
और मेरे बंजर से दिल को हरा भरा कर जाती है !!
Barish Shayari in English
Shayad Koi Khwahish Roti Rehti Hai
Mere Andar Barish Hoti Rehti Hai.
Tere Ishq Ki Baarish Me Kuchh Is Kadar Bheeg Jaoon
Ho Ke Mast Maula Main Is Duniya Ko Bhool Jaoon.
Rehne Do Ki Ab Tum Bhi Mujhe Padh Na Sakoge
Barsaat Me Kagaz Ki Tarah Bheeg Gaya Hoo Main.
Baarish Se Mohabbat Mujhe Kuch Is Kadar Hai
Vo Barasta Udhar Hai Aur Mera Dil Dhadakata Idhar Hai.
Poochhe Koi Usase Ke Dukh Hai Ya Khushi Hai
Jaane Kyon Boond Koi Barish Ki Patton Pe Ruki Hai.